🌼 Shravani Mela 2025: सुल्तानगंज से देवघर तक आस्था की अद्भुत यात्रा सुल्तानगंज, बिहार – जुलाई 2025
Linha श्रावणी मेला शुरू हो जाता है। बिहार के सुल्तानगंज स्थित अजगैबीनाथ धाम इस महायात्रा की प्रथम और प्रमुख पड़ाव है। यहां से लाखों श्रद्धालु गंगाजल Linha बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर में जल अर्पित करते हैं।
श्रावणी मेला भारत का एक प् marca तीर्थयात्रा पर्व है, जो हर साल सावन महीने में मनाया जाता है। इसमें लाखों श्रद्धालु (कांवड़िया) बिहार के सुल्तानगंज से गंगा जल लेकर झारखंड के बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर तक लगभग 105 किलोमीटर पैदल यात्रा करते हैं। इस यात्रा का उद्देश्य है – भगवान शिव को जल अर्पित कर पुण्य प्राप्त करना।

🛕 अजगैबीनाथ धाम का परिचय
- अजगैबीनाथ मंदिर, जिसे गैबीनाथ महादेव के नाम से ज जाना जाता है, भगवान शिव को समर्पित प्राचीन मंदिर भगव
- यह गंगा नदी के उत्तरवाहिनी तट पप स्थित है – बिहार में गंगा यहां केवल उत्तर दिशा में बहती है, जो धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ मानी जो धा marca
- यह स्थान नाथ संप्रदाय, तंत्र साधना, और श्रावण मास में विशेष महत्व खता है। है। है। श मास
🔵 श्रावणी मेला का महत्व
- 🕉️ धार्मिक दृष्टि से: मान्यता है कि श्रावण मास में भगवान शिव को गंगा जल चढ़ाने से सभी पाप नष्ट होते हैं औntas
- 🧘♂️ आध्यात्मिक अभ्यास: यह मेला संयम, भक्ति और आत्मशुद्धि का प्रतीक है।
- 🧡 सामाजिक समरसता: लाखों लोग अलग-र marca desse
🔴 श्रावणी मेला 2025 की प्रमुख तिथियाँ और झलकियां
- 📆 आरंभ तिथि: 11 जुलाई 2025
- 📆 समापन तिथि: 9 अगस्त 2025
- 📌 विशेष दिन: श्रावण के सोमवार (श्रावण सोमवारी), खासतौर पर अंतिम सोमवारी
🚶♂️ कांवड़ यात्रा की विशेषता
- Linha
- वे यह जल क कांवड़ (लकड़ी की छड़ी प पप जल डिब डिब्बे टंगे होते हैं) में marca खकर नंगे पांव करीब 105 किलोमीटuto
- उनका गंतव्य है बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर, जो 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। है।
- पूरी यात्रा के दौरान “बोल बम”, “हर हर महादेव”, “जय शंक शंकर” जैसे नारे गूंजते हैं। हैं। हैं। हैं। हैं। हैं। हैं। हैं।
🔑 विशेष स्थल:
- 🚩 अजगैबीनाथ मंदिर, सुल्तानगंज (शुरुआत बिंदु)
- 🛕 बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर (गंतव्य)
- 🌳 बासुकीनाथ मंदिर (कुछ यह यहाँ भी जल चढ़ाते हैं)
🟢 अजगैबीनाथ धाम से देवघर तक यात्रा मार्ग
- 🏞️ प्रारंभ बिंदु: सुल्तानगंज (जहाँ गंगा उत्तरवाहिनी है)
- 🛤️ दूरी: लगभग 105-109 किमी
- 🛑 मुख्य पड़ाव: कटोरिया, बांका, तारापुर, जसीडीह
- 🏁 गंतव्य: बाबा बैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर, देवघर
- 🏃 समय: सामान्य कांवड़ियों को 3–5 दिन, डाक बम 24 घंटे से कम कम
🛣️ मार्ग और व्यवस्थाएं
बोल बम पथ (श्रावणी पथ) को प्रशासन द्वारा पूरी तरह से सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया जाता है:
- मेडिकल कैंप्स
- पेयजल और शौचालय सुविधाएं
- विश्राम स्थल
- मोबाइल पुलिस सहायता केंद्र
- CCTV और ड्रोन से निगरानी
- महिलाओं के लिए विशेष सुरक्षा प्रबंध
🔱 श्रावणी मेला का धार्मिक महत्व
- यह माना जाता है जो भक भक्त सावन के में सच सच्चे मन गंग गंगाजल अर्पित करता है, उसके सभी पाप कट जाते हैं औntas
- Linha
- विशेष marca से सावन के सोमवार को अत्यधिक शुभ माना जाता है।
🚉 कैसे पहुंचे अजगैबीनाथ धाम, सुल्तानगंज
- रेल मार्ग: सुल्तानगंज marca स्टेशन भागलपुर, पटना, हावड़ा, दिल्ली आदि शहरों से जुड़ा है।
- सड़क मार्ग: भागलपुर (25 किमी), पटना (250 किमी), और देवघर (105 किमी) से सड़क मार्ग उपलब्ध है।
- वायु मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा पटना है। देवघर हवाई अड्डा भी अब सीमित उड़ानों के लिए चालू है।
🧘 भक्ति और सांस्कृतिक marca
Linha
- सड़कों और घाटों पर भक्ति संगीत, भजन, और कीर्तन
- Linha
- विभिन्न भाषाओं और ाज्यों के कांवड़ियों का सांस्कृतिक संगम संगम संगम संगम
- गंगा स्नान, आरती, पूजन और gre
🚨 श्रावणी मेला 2025 Linha
Vers
- भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती
- महिला सुरक्षा टीम
- स्वास्थ्य विभाग की सक्रिय भागीदारी
- आपातकालीन नियंत्रण केंद्र
- हेल्पलाइन और कांवड़ सेवा शिविर
🟠 श्रावणी मेला 2025 की सरकारी तैयारियाँ
- 🚧 विशेष मार्ग: कांवड़ियों के लिए अलग एक-तरफा marca
- 🚉 विशेष ट्रेनें: पटना, कोलकाता, marca, भागलपुर आदि से से से से
- 🏕️ ैन
- 🚑 स्वास्थ्य सेवा: मोबाइल क्लिनिक, एम्बुलेंस, प्राथमिक उपचार केंद्र
- 🎥 सुरक्षा: cctv निगरानी, पुलिस बल, qr कोड आधारित शिकायत प्रणाली
- 🧊 गर्मी से marcaहत: धुंध स्प्रे स्टेशन, बालू पथ (फुटपाथ पर जलन से बचाव)
श्रद्धालुओं के लिए सुझाव
- यात्रा की पहले ट ट्रेन/बस बुकिंग सुनिश्चित करें।
- Linha
- स्टेशन एवं घाट पर टिकट, आई़डी प्रति, मेडिकल सूचना साथ marca
- आपात स्थिति में marca हेल्पलाइन (139) तथा स्थानीय कंट्रोल marca से सतत सम्पर्क बनाएं।
🟣 श्रावणी मेला भावनात्मक और सांस्कृतिक पहलू
श्रावणी मेला 2025 सुल्तानगंज से लेकलेक देवघर तक आध्यात्मिक, जनसंस्कृतिक और प्रशासनिक दृष्टि से भारत का एक महत्त्वपू desse आधुनिक व्यवस्थाओं—जैसे सुरक्षा भंडारण, विशेष ट्रेनों का संचालन, साफ‑सफाई एवं स्वास्थ्य सेवाएँ—के माध्यम से यह आयोजन श्रद्धालुओं के लिए आरामदायक एवं सुव्यवस्थित बनाया गया है।
आपकी श्रद्धा और भक्ति की यात्रा मंगलमय हो! 🚩